खांसी के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार और परहेज - Home Remedies for Cough In Hindi

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सर्दियों के शुरू होते खासी और जुखाम होना बहुत ही आम होता है।  खासी या जुखाम बच्चों से लेकर बड़ो किसी को भी हो सकती है।  मौसम में जरा सा बदलाव हुआ नहीं की सर्दी खासी शुरू हो जाती है।  इस स्थिति में किसी को खासी हुई नहीं की वो तुरंत ही मेडिकल स्टोर्स से मेडिसिन लेकर खा लेते हैं।  पर क्या आप जानते है की खासी या जुखाम की असरदार इलाज आप घर पर (Home Remedies for Cough in Hindi) ही कर सकते हैं।  


खांसी क्या है? (What is Cough in Hindi?)

आयुर्वेद के अनुसार वात पित्त और कफ के असंतुलन के कारण ही खासी और जुखाम होते हैं।  खांसी मुख्यतः कफ दोष के कारण होती है।  खांसी बैक्टीरियल वायरल या ठण्ड की वजह से भी हो सकती है।  खांसी शुरू होते ही शरीर के वायु मार्ग से धुल और बलगम बाहर आते हैं।  अगर समय से इसका इलाज न हो तो सीने और गले में दर्द भी शुरू हो जाता है। 


खांसी के प्रकार (Cough Types in Hindi)

खांसी मुख्यतः दो प्रकार की होती हैः-

  • सूखी खांसी (Dry cough)
  • बलगम युक्त खांसी (Wet cough)

खांसी के अन्य प्रकार


खांसी के ये अन्य प्रकार हैंः-


तेज खांसी (Acute cough)


इसमें बहुत तेज और अचानक ही खासी होती है।  यह ऊपरी श्वांसनली के इन्फेक्शन की वजह से होती है।  यह फ्लू और कॉमन कोल्ड की वजह से भी हो सकती है 

पुरानी खांसी (chronic cough)

इस प्रकार की खांसी बहुत दिनों से चली आ रही होती हैं।  यह 6-8 सप्ताह तक रह सकती है। यह Allergic rhinitis, T.B. या Lung cancer और Lung infection के कारण होती है।




खांसी के कारण (Cough Causes in Hindi)


खांसी की बीमारी होने के निम्न कारण हो सकते हैंः-

  • वायरल संक्रमण के कारण
  • सर्दी या फ्लू के कारण
  • प्रदूषित हवा और धूलमिट्टी की के कारण ।
  • अत्यधिक धूम्रपान के कारण 
  • टीबी (Tuberculosis) या दमा रोग होने के कारण।

सूखी खांसी के कारण (Causes of Dry Cough)

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सूखी खांसी इन कारणों से होती हैः-

  1. नाक और गले में किसी बाहरी पदार्थ के कारण एलर्जी होने से सूखी खांसी हो सकती है।
  2. प्रदूषण युक्त वातावरण सांस लेने के कारण सूखी खांसी हो सकती है।
  3. टी.बी. और  दमा जैसी बीमारियां की वजह से भी सूखी खांसी हो सकती है।
  4. फेफड़ों का कैंसर होने पर भी सूखी खांसी हो सकती है।

खांसी के लक्षण (Cough Symptoms in Hindi)



यदि खांसी किसी संक्रमण के कारण होती है, तो उसके निम्न लक्ष्ण हो सकते हैं-

  • नाक से पानी आना
  • बुखार होना 
  • साइनस में दर्द होना।
  • शरीर में दर्द और ठंड लगना
  • बलगम निकलना
  • खांसते-खांसते उल्टी करने की इच्छा होना।

गीली खांसी के लक्षण (Wet Cough Symptoms in Hindi)

  • सांस लेने में घरघराहट की आवाज आना।
  • खाँसते-खाँसते कफ का निकलना।
  • सीने में जकड़न और दर्द महसूस होना।
  • सांस लेने में कठिनाई का अनुभव।
  • नाक से पानी आना 
  • बुखार और कमजोरी होना 

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कुक्कुर खांसी के लक्षण (Whooping Cough Symptoms in Hindi)


इसे काली खांसी (whooping cough) भी कहते हैं। यह बोर्डेटेल्ला परट्यूसिया कहलाने वाले जीवाणु के कारण होता है, जो शुरुआत में नाक और गले को प्रभावित करता है। यह रोग दो वर्ष से कम आयु के बच्चों की श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलता है। इसमें बच्चे को बार-बार खांसी के दौरे पड़ते हैं। बच्चे को खांसी के बाद उल्टी होने की भी संभावना रहती है। खांसी के साथ बलगम निकलता है, तथा सांस लेने में कठिनाई होती है, इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति सांस लेते समय भौंकने जैसी आवाज करता है।।


खांसी का घरेलू इलाज करने के उपाय (Home Remedies for Cough Treatment in Hindi)



खासी होने पर आप यहाँ दिए गए घरेलु तरीको को आजमा सकते हैं 

 

शहद के सेवन से सूखी खांसी का इलाज (Honey: Home Remedies for Dry Cough in Hindi)


सूखी खांसी में शहद बहुत ही लाभदायक होता है। एक चम्मच शहद को गर्म दूध में मिलाकर पिएं। यह खांसी से आराम दिलाता है।

तुलसी के प्रयोग से खांसी का उपचार (Tulsi: Home Remedy for Cough in Hindi)



तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पिएं।
तुलसी की पत्तियों का रस, एवं अदरक के रस के साथ मिलाकर शहद के साथ खाएं।


सूखी खांसी का घरेलू इलाज अदरक से (Ginger: Home Remedies to Treat Cough in Hindi)



एक चम्मच अदरक के रस को शहद के साथ चाटने से सूखी खांसी से आराम मिलता है।
अदरक को पानी में अच्छी तरह उबाल लें। जब काढ़ा बनकर तैयार हो जाए, तब दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से खांसी में आराम मिलता है।


सूखी खांसी का घरेलू उपचार नमक से (Salt: Home Remedy in Cough Disease in Hindi)



एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच नमक मिलाकर सुबह-शाम गरारा करें। इससे सूखी खांसी से आराम मिलता है।

 

प्याज से खांसी की बीमारी का उपचार (Onion: Home Remedies to Cure Cough in Hindi)



आधा चम्मच प्याज का रस, और एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार लेने से खांसी में आराम मिलता है।



मुलेठी के उपयोग कर खांसी का इलाज (Mulethi : Home Remedies for Cough Treatment in Hindi)



मुलेठी का चूर्ण श्वसन तंत्र में सूजन को कम करता है, तथा म्यूकस को ढीला करता है। इसके लिए दो बड़ी चम्मच मुलेठी के चूर्ण को 2-3 गिलास पानी में डालकर उबालें, और 10-15 मिनट तक इसका भाप लें।




अनार के सेवन से सूखी खांसी का उपचार (Anar Benefits in Cough Problem in Hindi)



अनार के छिलकों को छाया में रख कर सुखा लें। एक-एक टुकड़ा मुंह में रखकर चूसते रहें। इससे सूखी खांसी में बहुत लाभ मिलता है।
अनार के रस को गर्म कर के पीने से भी खांसी जल्दी ही ठीक हो जाती है।




गिलोय के प्रयोग से पुरानी खांसी का इलाज (Giloy: Home Remedies for Cough Treatment in Hindi)



गिलोय के रस को रोज सुबह-शाम खाली पेट पीने से पुरानी खांसी भी ठीक हो जाती है।



कफ वाली खांसी में सरसों का प्रयोग लाभदायक (Mustard: Home Remedy for Cough in Hindi)



एक चम्मच सरसों के बीजों को एक गिलास गर्म पानी में उबाल लें। अच्छी प्रकार उबल जाने पर पानी को पिएं। इससे जमा हुआ कफ बाहर निकलने लगता है। सरसों के बीज में मौजूद सल्फर जमे हुए कफ को बाहर निकालने में मदद करता है।



गीली खांसी में बादाम का इस्तेमाल फायदेमंद (Almond Benefits to Treat Cough Disease in Hindi)



8-10 बादाम लेकर रात को पानी में भिगा दें। सुबह इन्हें छिलकर दरदरा पीस लें। इसमें थोड़ी-सी मक्खन और चीनी मिला लें। दिन में तीन बार इसका सेवन करें। यह गीली खांसी में बेहद फायदेमंद है।



बलगम वाली खांसी में काली मिर्च का प्रयोग (Black Pepper Benefits for Cough Disease in Hindi)




काली मिर्च बलगम को बाहर निकालने में मदद करती है, तथा बंद नाक को खोलने में मदद करती है। इसे शहद के साथ मिलाकर चाट लें, या फिर चाय में डालकर इसका सेवन करें।


हल्दी के इस्तेमाल से होती है खांसी ठीक (Turmeric: Home Remedies for Cough Treatment in Hindi)



हल्दी में एंटीबैक्टेरियल, एन्टीवायरल एवं सूजनरोधी गुण पाए जाते हैं। एक चम्मच हल्दी और अजवायन को एक गिलास पानी में उबालें। जब यह पानी उबलकर आधा हो जाए, तब आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें।
कच्ची हल्दी के रस को कुछ देर मुंह में रखें। जैसे-जैसे यह गले से नीचे उतरेगा, खांसी की उग्रता में कमी आएगी। खांसी ठीक न होने तक रोज ऐसा करें।


खांसी का उपचार करने के लिए अन्य उपाय (Other Home Remedies for Cough)



एक चौथाई चम्मच मुलेठी और दालचीनी पाउडर मिलाकर शहद के साथ चाटने से खांसी में आराम मिलता है।
4 कप पानी में 2-3 छोटे टुकड़े अदरक, और एक चम्मच सूखा पिपरमिंट मिलाकर उबालें। जब पानी की मात्रा आधी रह जाए, तब इसे उतारकर ठंडा कर लें। अब इसमें एक कप शहद को अच्छी प्रकार मिला कर रख लें। रोज इस सिरप की एक बड़ी चम्मच मात्रा को दिन में 5-6 बार पिएं।


खांसी में आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle in Cough  Disease)


खांसी रोग में आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-

प्रदूषणयुक्त वातावरण एवं धूल मिट्टी में जाने से बचें।
यह संक्रमण के कारण भी होता है, इसलिए संक्रमित व्यक्ति एवं जगह से बचना (Home Remedy for Cough) चाहिए।


खांसी में परहेज (Avoid These in Cough)



खांसी होने पर ये परहेज करेंः-

  1. ठण्डी तासीर वाले खाद्य पदार्थ तथा बासी भोजन का सेवन बिल्कुल बन्द कर दें।
  2. कोल्ड्रिंक, बर्फ का पानी, आइसक्रीम, जंक फूड, तैलीय भोजन का सेवन बिल्कुल ना करें।
  3. दूध और दूध से बने पदार्थों का सेवन ना करें। इससे खांसी के दौरों में तीव्रता आ सकती है।
  4. किसी व्यक्ति को विशेष खाद्य पदार्थ से एलर्जी हो सकती है, जिस कारण खांसी होती है। ऐसी चीजों का सेवन बिल्कुल ना करें।
  5. शोध के अनुसार, फलों में केले, स्ट्राबैरी, पपीता का सेवन हिस्टामाइन (Histamine) के स्तर को बढ़ा सकते हैं। शरीर में एलर्जिक प्रतिक्रिया होने पर हिस्टामिन उत्पन्न होता है, जिस कारण म्यूकस अधिक बनता है।

 

खांसी से जुुड़े सवाल-जवाब (FAQ Related Cough)

 

खांसी में परहेज नहीं करने पर क्या होता है?


खांसी को आयुर्वेदीय उपचार से ठीक किया जा सकता है, लेकिन इसके साथ उचित खान-पान एवं परहेज करना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर खांसी ठीक नहीं होती है।

खांसी होने पर डॉक्टर से कब सम्पर्क करना चाहिए?


सामान्य खांसी 8-10 दिन के भीतर घरेलू उपचार, एवं उचित खान-पान से ठीक हो जाती है, लेकिन यदि इसके बावजूद भी खांसी 2-3 सप्ताह तक चलती रहे तो यह गंभीर रोग का संकेत हो सकता है।

खांसी को कब गंभीर समझना चाहिए?


खांसते-खांसते उल्टी हो जाना, या खांसी में खून आने लगे तो तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। यह टी.बी. या फेफड़ो के कैंसर का संकेत भी हो सकता है।



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