भारत में कब आएगी कोरोना वैक्सीन और किसे मिलेगी पहले

 

corona vaccine

दुनियाभर में अब तक कोरोना वायरस से चार करोड़ 64 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि मरने वालों की संख्या भी 12 लाख के पार हो गई है। भारत में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां अब तक 81 लाख 84 हजार से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि अच्छी बात ये है कि यहां लोग जल्दी से ठीक भी हो रहे हैं और साथ ही मृत्यु दर भी लगातार घट रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि देश में कोविड मृत्यु दर 1.5 प्रतिशत से भी कम हो गई है और इसमें लगातार गिरावट आ रही है। हालांकि पूरी तरह से कोरोना को खत्म करने के लिए वैक्सीन की जरूरत तो पड़ेगी ही। 

आइए विशेषज्ञ से जानते हैं कि आखिर कोरोना की वैक्सीन कब तक आएगी। साथ ही यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि वैक्सीन आ गई तो सबसे पहले किसे मिलेगी और क्या यह मुफ्त में मिलेगी?


कोरोना की वैक्सीन कब तक आएगी?  

दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डॉ. नरेश गुप्ता के मुताबिक, 'सभी लोग कह रहे हैं कि वैक्सीन आ जाएगी, जल्दी आ जाएगी, लेकिन ये साफ है कि अगले साल से पहले तक नहीं आएगी। उसमें भी जून-जुलाई तक जाकर ही लोगों को मिल पाएगी। अगर फरवरी-मार्च तक आ जाए तो काफी अच्छा है।'

चूंकि शुरुआत में वैक्सीन की मात्रा सीमित होगी, इसलिए पहले वैसे लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी, जो वायरस के बीच रहकर लगातार काम कर रहे हैं। जैसे कि- डॉक्टर्स, नर्स, अन्य स्वास्थ्यकर्मी, सुरक्षाकर्मी आदि। इसके अलावा बुजुर्गों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी कुछ ऐसा ही कहा है। सत्तासीन पार्टी भाजपा ने बिहार में अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया है कि अगर वो चुनाव जीते तो बिहार के लोगों को वैक्सीन मुफ्त में मिलेगी। हालांकि इस पर बवाल होने के बाद केंद्र सरकार ने कहा कि सभी लोगों को वैक्सीन मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी। हालांकि इस पर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। 


कोरोना की मौजूदा स्थिति को कैसे देखते हैं? 

डॉ. नरेश गुप्ता कहते हैं, 'सबसे अच्छी बात यह है कि हमारे देश में रिकवरी रेट बढ़ रहा है और मृत्यु दर भी काफी कम हो गई है। लेकिन ये महामारी खत्म नहीं हुई है। पूरे देश में केस कम हो रहे हैं, लेकिन दिल्ली में केस एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। हालांकि दिल्ली में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग बहुत तेजी से की जा रही है। इसलिए केस जल्दी डिटेक्ट हो रहे हैं।' 


यह कैसे तय करें कि आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना है या रैपिड एंटीजन?

covid test

डॉ. नरेश गुप्ता बताते हैं, 'आमतौर पर कोई भी जांच इसलिए कराते हैं ताकि रोग पकड़ में आ जाए और समय पर इलाज हो सके, लेकिन कोविड में थोड़ा अलग है। इसमें जांच इसलिए करते हैं ताकि पॉजिटिव आने पर दूसरों का बचाव कर सकें और मरीज को अलग रखकर इलाज कर सकें। इसलिए अगर किसी को परेशानी है तो डॉक्टर ही बताते हैं कि कौन सा टेस्ट करना है। वैसे जब लक्षण हैं और रैपिड टेस्ट निगेटिव आ गया, तब आरटी-पीसीआर की जरूरत पड़ती है, पुष्टि करने के लिए। फिलहाल अभी दोनों टेस्ट किए जा रहे हैं।' 


सीरो सर्वे में जांच करके क्या देखते हैं? 

डॉ. नरेश गुप्ता बताते हैं, 'जब शरीर में कोई संक्रमण होता है तो कई बार बिना किसी दवा, इलाज के ठीक हो जाता है। इसकी वजह मनुष्य के शरीर की वो प्रकृति है जो बीमारियों का इलाज खुद ढूंढ लेती है। जैसे डेंगू है, शरीर में अपने आप एक प्रोटीन बनता है, जो उसके वायरस को नष्ट करता है। ऐसे में अगर हम सीरो सर्वे टेस्ट कराते हैं, तो पता करते हैं कोविड से जो प्रोटीन बचाता है, वह व्यक्ति में बन चुका है या नहीं। यानी अगर प्रोटीन पाया गया, तो इसका मतलब व्यक्ति को संक्रमण हो चुका है।' 


क्या ठंड के मौसम में कोरोना का संक्रमण बढ़ सकता है? 

डॉ. नरेश गुप्ता के मुताबिक, 'हमारे देश में जब कोरोना आया था तो ठंड जा रही थी। हालांकि दुनिया के कई देशों में ठंड के दौरान आया था। तब माना जा रहा था कि गर्मी आने पर शायद यह खत्म हो जाए, लेकिन खत्म नहीं हुआ। मतलब साफ है, गर्मी या सर्दी का इसपर कोई असर नहीं है। हां यह जरूर है कि 60 डिग्री के तापमान पर वायरस नष्ट हो जाता है। सर्दी के मौसम में हमारे देश में कोरोना की स्थिति कैसी रहेगी, अभी कुछ भी कहना संभव नहीं है। हां, इससे मिलते-जुलते रोग जैसे, इंफ्लूएंजा, खांसी, सर्दी, डेंगू, मलेरिया आदि बढ़ जाते हैं। इनसे भी बचाव करना है और मास्क, हाथ की सफाई, आसपास सफाई, सुरक्षित दूरी रखकर इन सभी से बच सकते हैं।'


शादी-विवाह के सीजन में क्या सावधानी रखनी है? 

डॉ. नरेश गुप्ता बताते हैं, 'ये नहीं सोचें कि रिश्तेदार हैं या घर की शादी है, तो वहां वायरस का खतरा नहीं होगा। बहुत लोग अलग-अलग जगह से आते हैं, उनसे खतरा हो सकता है। शादी के आयोजक ही आने वाले मेहमानों को मास्क लगाकर आने को कहें या फिर अगर कोई नहीं लगाकर आता है तो उसे प्रवेश द्वार पर ही मास्क दें। ऐसी जगह शादी करें, जहां नेचुरल वेंटिलेशन हो, हॉल आदि में शादी करने से वायरस का खतरा बढ़ जाता है। शादी में खाने के स्टॉल भी काफी खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि सभी अपने हाथ से खाना लेंगे तो संक्रमण हो सकता है। अगर शादी में गाना-बजाना हो रहा है तो भी वायरस दूर तक फैल सकता है। शादी में जाएं तो दूरी बनाकर रहें और भीड़ न होने दें।' 






एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने